बुनियाद....
हमेशा से सुनते आए हैं,साथ छोड़कर वही जाता है जो गलत होता है ओर अंत तक साथ वही होता है जो सही होता है । पर अब लगता है,छोड़ता या जाता वही है जो सही होता है प्योर होता है....
संबंधों का आधार या रिश्ते की बुनियाद ही तय करती है रिश्तों का साथ चलना...यदि बुनियाद ही भुरभुरी ईंटों से बनी हो तो इमारत तो ढहेगी ही ।
PS--रिश्ते एकतरफा मामले नहीं होते ...एक रिश्ता बनाने और उसे निभाने में दोनों पक्षो की भूमिका बराबर होती है ।
#lifelession
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